40 छोटी सी कविता हिंदी में
1. सूरज की किरण
सूरज की किरण चली आई,
संग उजाला साथ में लाई।
फूल खिले, चिड़िया चहकी,
धरती भी अब प्यारी लगती।
बच्चे खेले, हँसे मुस्काए,
नई उमंगें मन में आए।
आओ सब हम खुशी मनाएँ,
इस जीवन को सुंदर बनाएँ।
2. बारिश आई
बादल घिरकर छा गए,
हवा चली और गा गए।
बूंदें गिरीं, धरती महकी,
नदियाँ छोटी, ताल भी बहकी।
भीग गए सब पौधे प्यारे,
मन में जागे सपने न्यारे।
चलो कागज़ की नाव बनाएँ,
बारिश संग हँसी उड़ाएँ।

3. चाँदनी रात
चमक रहा है चाँद निराला,
उसका है नूर मतवाला।
टिमटिम करते तारे सारे,
जैसे हों मोती के धारे।
शीतलता से भरता मन,
सपनों की दुनिया का संग।
बैठे छत पर बातें करें,
चाँद से हम मुलाकात करें।
4. नन्हीं चिड़िया
नन्हीं चिड़िया आई देखो,
अपने घर को बनाए देखो।
तिनके तिनके जोड़ रही है,
अपने सपने बुन रही है।
नीड़ सजेगा प्यारा-प्यारा,
बच्चों का होगा घर न्यारा।
परिश्रम से यह सिखलाती,
हर मुश्किल को दूर भगाती।
5. गर्मियों की दोपहरी
सूरज आग बरसाता है,
गर्मी से सब घबराता है।
आम पके हैं बागों में,
कूलर चलता घरों में।
गर्मी से राहत पानी में,
सुकून है ठंडी छाँव में।
आओ सब मिल मौज मनाएँ,
आम-रसभरी साथ खाएँ।
6. रंग-बिरंगे फूल
बाग़ में खिले कई फूल प्यारे,
लाल, पीले, गुलाबी, न्यारे।
मंद हवा जब पास से गुजरे,
भीनी खुशबू संग में उतरे।
तितली इन पर मंडराती,
भँवरा गाकर गीत सुनाती।
खुशबू से भर जाए आँगन,
इनसे सुंदर दुनिया का दामन।

7. बचपन के दिन
कितने प्यारे दिन थे बचपन,
खेल-खिलौने, मीठी हँसी संग।
न चिंता थी, न कोई डर,
खुशियों से था भरा यह घर।
गली में दौड़ना, मस्ती करना,
मिट्टी में खेलना, धूल में रहना।
काश! वही पल लौट आए,
बचपन फिर से हमें बुलाए।
8. सपनों की दुनिया
आँखों में जो सपने सजते,
मन के पंखों संग में उड़ते।
हर सपना सच्चा हो जाए,
दिल की दुनिया रोशन हो जाए।
मेहनत से हर राह बनेगी,
सपनों की बगिया महकेगी।
हौसला रख तू बढ़ता जा,
हर मंज़िल तेरा साथ निभाएगा।
9. नदी की धारा
नदी बहती कल-कल करती,
हर बंधन को दूर है करती।
पत्थर से टकराकर भी,
अपना मार्ग नहीं बदलती।
शीतल जल से प्यास बुझाती,
धरती को यह हरा बनाती।
चलते रहना सिखाती हमें,
हर मुश्किल में आगे बढ़ने।
10. माँ का प्यार
माँ के जैसा कोई नहीं,
उसके दिल में छलकता नीर नहीं।
बिना बोले समझे सब बात,
उसकी ममता, उसका साथ।
नींद न आए जब रातों में,
सिर सहलाए वो हाथों में।
ईश्वर का रूप है माँ,
उसका दिल सागर सा विशाल।

11. नई सुबह
नयी सुबह संग आई रोशनी,
बिखरी चारों ओर चाँदनी।
ताजगी से भरी है बयार,
नई उमंगें, नए विचार।
मन में आशा की किरणें,
हर ओर खिलखिलाते सपने।
चलो कदम बढ़ाते जाएँ,
नयी दुनिया हम बसाएँ।
12. प्यारा पेड़
पेड़ हमें सिखलाता है,
छाँव लुटाकर मुस्काता है।
फल-फूलों से भर देता,
शुद्ध हवा संग में बहता।
पंछी इसमें घर बनाते,
बैठे गीत प्यार के गाते।
धरती का है यह गहना,
इसको हरदम रखना।
13. बसंत ऋतु आई
बसंत ऋतु मुस्काई,
फूलों की खुशबू आई।
हरियाली की चादर ओढ़ी,
धरती ने सुंदरता जोड़ी।
कोयल मीठा गीत सुनाए,
मन का हर कोना खिल जाए।
आओ इस ऋतु का मान करें,
प्रकृति संग आनंद भरें।
14. बच्चों की टोली
गली में बच्चों की टोली,
खेलें संग जैसे हो होली।
हँसी-ठिठोली, मस्ती प्यारी,
रंगों से महकी फुलवारी।
संग में हँसे, संग में गाएँ,
कभी न कोई रूठ जाए।
बचपन की ये प्यारी यादें,
दिल में बस जाएं सदा बादे।
15. तितली की उड़ान
रंग-बिरंगी प्यारी तितली,
फूलों संग हँसती-खिलती।
इधर-उधर यह मंडराए,
हवा संग पंख फैलाए।
कोमल पंखों की पहचान,
देती है सुंदरता की जान।
सपनों जैसी लगती है,
रंगों से सजी रहती है।
16. संगीत का जादू
संगीत में जो जादू है,
मन में नई उमंगें हैं।
हर धुन में एक कहानी,
खुशियों की मधुर रवानी।
बांसुरी की मीठी तान,
सुनकर झूमे सारा गगन।
मन को शांति दे हर बार,
संगीत का अद्भुत संसार।
17. खुशियों की बारिश
खुशियाँ आती, बरसती हैं,
मन में रंग ये भरती हैं।
मुस्कान संग बढ़ती जाएँ,
दिल को हरदम हर्षाए।
बातें मीठी, दिल हो साफ,
सच्चे रिश्तों का हो प्रकाश।
खुशियाँ बाँटो, खुश रहो,
प्यार से हर दिल को जोड़ो।
18. गाँव की गली
गाँव की गली में बचपन बीता,
मिट्टी की खुशबू संग जीना।
खेतों में दौड़ना, हवा संग बहना,
खुशियों से जीवन को गढ़ना।
बूढ़े बरगद की छाया,
देती अपनापन की माया।
कितना सुंदर था वो जहाँ,
गाँव की गली, माँ का आँचल वहाँ।
19. सच्ची दोस्ती
सच्चे दोस्त अनमोल रतन,
हरदम देते सुख का संग।
हँसी-खुशी में साथ निभाएँ,
दुख में कंधे संग मिलाएँ।
बिना शर्त के जो साथ दें,
रिश्ता वही सच्चा कहें।
दोस्ती का दीप जलाए,
हर रिश्ते को सुंदर बनाए।

20. शरद की रात
चमकी चाँदनी हर एक ओर,
ठंडी बयार छूती है मन।
आकाश में तारे झिलमिलाते,
चाँद के संग खेल बनाते।
रात की नीरवता प्यारी,
हवा भी लगती मतवाली।
शरद की रात का है रंग,
देती है मन को उमंग।
21. दीप जलाएँ
अंधकार को दूर भगाएँ,
प्यारे दीप हम सब जलाएँ।
रौशनी से मन झूमेगा,
हर कोना कोना चमकेगा।
दीप जलेंगे प्रेम से,
मिटेगा हर अंधकार देश से।
चलो चलें ये दीप जलाने,
खुशियों के गीत हम गाने।
22. नन्हा सपना
नन्हा सपना आँखों में आया,
जगमग-जगमग नूर है छाया।
सपनों को हम सच बनाएँ,
मेहनत से मंज़िल को पाएँ।
छोटे-छोटे कदम बढ़ाएँ,
हर मुश्किल से आगे जाएँ।
सपनों का घर सजाएँ,
आशा का दीप जलाएँ।
23. सर्दी की सुबह
ओस की बूंदें गिरती हैं,
कोहरे की चादर लहराती है।
धूप भी है मीठी-मीठी,
हवा में है ठंडक सी गीली।
गर्म चाय संग बैठें सारे,
सुबह के पल हों सबसे न्यारे।
सर्दी का यह प्यारा मौसम,
हर दिल को लगता है मधुर।
24. मेहनत का फल
मेहनत का फल मीठा होता,
जो इसे समझे, वही सँवरता।
हर मुश्किल राह दिखाती,
हौसला हर दम बढ़ाती।
पसीने की बूँदें जब बहती,
सपनों की दुनिया तब सजती।
जो हिम्मत से आगे बढ़ता,
सफल वही सबसे बनता।
25. होली के रंग
रंगों से सजी है यह होली,
खुशियों से महकी हर गली।
गुलाल उड़े संग में गाएँ,
रंगों की बौछार उड़ाएँ।
मीठी गुजिया, संग में ठंडाई,
हँसी-ठिठोली की शहनाई।
रंग बिरंगे चेहरे प्यारे,
होली मनाएँ सब संग न्यारे।
26. सितारे चमकते
आसमान में तारे झिलमिलाते,
जैसे दीपक जला रहे हों।
रात की चादर संग लहराते,
कोई कहानी सुना रहे हों।
कुछ पास, कुछ दूर बहुत,
जैसे सपने चमक रहे हों।
हर तारा एक उम्मीद है,
मन को देती नई रौशनी।
27. हवा संग बातें
धीमी-धीमी चलती बयार,
ले आती है खुशबू अपार।
पेड़ों संग बातें करती,
नदियों संग बहती चलती।
हवा कभी ठंडी, कभी तेज,
संग ले आए मौसम विशेष।
चुपके से कानों में बोले,
सुनो, मैं तुम्हारे संग हूँ!
28. छोटी नदियाँ
छोटी नदियाँ बहती जाएँ,
कल-कल ध्वनि मधुर सुनाएँ।
पत्थर से टकराएँ हँसकर,
रुकें नहीं, बढ़ती जाएँ।
धरती की गोद हरी बनाएँ,
खेतों को जल ये पहुँचाएँ।
चलते रहना हमें सिखाएँ,
हर मुश्किल को पार कराएँ।
29. कुदरत का जादू
पेड़, पहाड़, झरने सुंदर,
धरती माता के ये गहने।
हरे-भरे जंगल मुस्काते,
पंछी इसमें गीत सुनाते।
नीला अंबर, स्वच्छ नदी,
मन को दें शांति सजी।
कुदरत का जादू जो देखे,
खुशियों के रंग वो बिखेरे।
30. खेतों की हरियाली
खेतों में जब हरियाली छाए,
किसान के चेहरे मुस्काए।
स्वर्ण समान जब लहराए,
मन में नया सवेरा आए।
हल जो चलता, फसल उगती,
मिट्टी की खुशबू महकती।
मेहनत से जो फसल पकाए,
खुशहाली हर ओर आए।

31. पर्वतों की ऊँचाई
ऊँचे पर्वत सिर उठाए,
बादलों संग खेल रचाए।
सूरज छूने की चाह में,
हरदम ऊँचा बढ़ता जाए।
साहस की पहचान यही,
हिम्मत से जो आगे बढ़े।
हर कठिनाई को जीत जाए,
मंज़िल तक जो राह बनाए।
32. रिश्तों की मिठास
मीठे बोल हों, प्यार भरी बातें,
रिश्तों में तब खुशियाँ आतीं।
साथ निभाने का जो वादा,
वही तो सच्चा रिश्ता कहलाता।
छोटी-छोटी बातें याद रखें,
एक-दूजे की फिक्र करें।
रिश्तों में जब स्नेह रहेगा,
हर दिल सदा खिला रहेगा।
33. रात की कहानी
रातें जब गहरी होती हैं,
चाँदनी तब सुंदर लगती है।
तारों की महफिल जब सजती,
हर बात अधूरी सी लगती।
चुपके से सपने आ जाते,
बीती यादें दस्तक देते।
रात की बातों में खो जाएँ,
चाँद से बातें कर आएँ।
34. बदलता मौसम
कभी धूप, कभी घटाएँ,
मौसम के रंग हैं निराले।
गर्मी में सूरज चमके,
सर्दी में बादल बरसे।
पतझड़ में पत्ते झरते,
बसंत में फूल महकते।
हर मौसम का अपना रंग,
देता जीवन को नया ढंग।
35. समंदर की लहरें
लहरें आती, लहरें जाती,
सागर की गहराई बताती।
शोर मचाती, फिर शांत हो,
जैसे कोई गीत सुना रही हो।
नीला जल, अनंत विस्तार,
मन को करता यह बेक़रार।
लहरों में जोश अपार,
सपनों को देती आकार।
36. धरती का श्रृंगार
हरे-भरे जंगल सुंदर लगते,
फूलों से धरती सजती।
नदियाँ गाती मधुर तराने,
हवा भी मीठे गीत सुनाए।
पंछी करें कलरव प्यारा,
संग बहारों का हो नज़ारा।
धरती का यह रूप अनोखा,
हर दिल को भाता गहरा।
37. नई राहें
रास्ते कई दिखते आगे,
हर मोड़ नया कुछ सिखाए।
हौसला रख, बढ़ता जा,
हर चुनौती को जीता जा।
डर को मन से दूर हटा,
सपनों को सच करने चला।
नई राहें तेरा इंतजार,
हर कदम पर होगा उजियार।
38. खुशियों की बोली
खुशियाँ बोलें मीठी बातें,
हर दिल में दें नई सौगातें।
प्यार से जो मिलते जाए,
हर रिश्ता सुंदर बन जाए।
मुस्कान से दुनिया संवरती,
दिल में मिठास बिखरती।
खुशियों को जो बांटता है,
सबसे अमीर वही कहलाता है।
39. सपनों के दीप
अंधियारा कितना भी घना,
सपनों का दीप जलाना है।
हर मुश्किल को पार कर,
साहस से आगे बढ़ जाना है।
राहों में काँटे आएँगे,
हौसलों से तुम जीतोगे।
सपनों को मत टूटने देना,
उन्हें पूरा करने में जुटे रहना।
40. पंछी का गान
सुबह-सुबह जब पंछी गाएँ,
हर आंगन महक उठ जाए।
चहचहाहट में प्रेम भरा,
हर दिल को लगे नया सवेरा।
नीले नभ में उड़ते जाएं,
आज़ादी का संदेश सुनाएँ।
हर दिल में उमंग जगाएँ,
नई दुनिया की राह दिखाएँ।