20 छोटी सी कविता हिंदी में Class 6

1. सूरज निकला

सूरज निकला चमचम कर,
फैला उसने सोना घर।
चिड़िया बोली चहक-चहक,
आई सुबह महक-महक।

फूल खिले मुस्कान लिए,
तितली आई रंग लिए।
नया सवेरा, नई बहार,
हरियाली का सुंदर हार।

छोटी सी कविता हिंदी में Class 6 सूरज निकला

2. चंचल गिलहरी

फुदक-फुदक कर दौड़ रही,
डाली-डाली कूद रही।
नन्ही गिलहरी भोली-भाली,
बैठ गई वो पीपल डाली।

कभी इधर तो कभी उधर,
उछल-कूद करे दिनभर।
छोटी-सी वो प्यारी है,
सबके मन को भाती है।

 चंचल गिलहरी छोटी सी कविता हिंदी में Class 6

3. प्यारी बारिश

बादल गरजे, बिजली चमके,
बूंदें गिरीं, धरा जब थमके।
मेंढक गाए टर-टर गाना,
खेतों में आया रस का आना।

बच्चे भागे छप-छप करके,
कागज़ की नाव तैरने लगे।
धरती का आँगन धुला-धुला,
हरियाली से हुआ भरा।

छोटी सी कविता हिंदी में Class 6 प्यारी बारिश

4. चिड़िया का घोंसला

पेड़ की डाली पर है घर,
चिड़िया गाए सुबह-सुबह।
तिनका जोड़ बनाई माया,
छोटा-सा है प्यारा साया।

बच्चे उसके चहक रहे,
पंख पसार लहर रहे।
संग उड़ेंगे दूर गगन,
खोलेंगे जब पंख सजग।

छोटी सी कविता हिंदी में Class 6 चिड़िया का घोंसला

5. रंग-बिरंगे फूल

बाग में खिले हैं फूल कई,
खुशबू इनकी प्यारी है।
कोई लाल, तो कोई पीला,
इनसे ही दुनिया न्यारी है।

भंवरे गाते गुनगुन-गुन,
तितली करे नाच संग।
बगीचे में जब हवा चले,
फूलों की मुस्कान खिले।

6. नदी की कहानी

नदी बहे बलखाती है,
लहरों संग इठलाती है।
पहाड़ों से उतरती आई,
गीत खुशी के गाती है।

मछली इसमें खेल रही,
नाव चली लहरों के संग।
सूरज की किरणें पड़ते ही,
जल में चमके सोने-सा रंग।

7. सुबह का नजारा

पंछी गाए मीठे गीत,
सूरज चमके, बढ़े नवीन।
शीतल पवन चले हर ओर,
खुशबू फैले बाग-बगीच।

हरी घास पर ओस की बूंद,
मोती जैसी लगे अनूठ।
धरती हरी, गगन है नीला,
सुबह का मन कितना जीला!

8. चाँदनी रात

चमचम करता चाँद खिला,
रौशनी का दीप जला।
तारों संग वो खेल रहा,
नीले अम्बर में झूल रहा।

धरती पर चाँदनी छाई,
सागर की लहरें लहराईं।
शीतल किरणें गा रहीं,
रात की रानी महक रही।

9. मेरा भारत

देश हमारा सबसे न्यारा,
सब मिलकर इसे सँवारो प्यारा।
पर्वत ऊँचे, गंगा निर्मल,
धरती सोने जैसी उज्जवल।

किसान यहां के अन्न उगाते,
सैनिक इसकी रक्षा करते।
भारत माता की जय बोलो,
हम सब इसका मान बढ़ाते।

10. तितली रानी

रंग-बिरंगी तितली रानी,
फूलों पर तू क्यों मचलाई?
इधर उड़ी, उधर उड़ी,
हवा संग तू मौज बड़ी।

तेरे रंग हैं कितने प्यारे,
लाल, गुलाबी, पीले न्यारे।
खुशबू संग तू गाती जाए,
हमको भी मुस्कान दिलाए।

11. प्यारे दोस्त

सच्चे दोस्त साथ निभाते,
हर मुश्किल में पास में आते।
मिलकर पढ़ते, खेलते संग,
हँसी-खुशी में नाचे अंग।

ग़म में भी जो पास रहे,
सच्चा मित्र वही कहे।
प्यार, सहयोग, आदर लाएँ,
हर दिल को खुशी दे जाएँ।

12. चतुर लोमड़ी

जंगल में लोमड़ी रहती थी,
चालाकी में सबसे आगे थी।
बुद्धिमानी से जीतती खेल,
हर मुश्किल में रखती मेल।

शेर से भी डरती नहीं,
समझदारी से बढ़ती रही।
सिखा गई हमें यह बात,
धैर्य रखो, न हारो साथ।

13. भालू मामा

भालू मामा, भालू मामा,
क्यों नाचो ऐसे धामा-धामा?
मधु की गंध मिली क्या तुमको?
या फिर कोई कहानी सुननी हो?

बच्चों संग खेलो आकर,
मत डरो तुम, पास तो आओ।
हम भी सीखें, तुम भी सीखो,
मिल-जुलकर जीवन में जी लो।

14. झरने का गाना

झर-झर बहता पानी प्यारा,
गाता रहता सुर सुहाना।
ऊँचाई से गिरकर आया,
मिट्टी संग प्यार बढ़ाया।

पत्थरों पर कूद-कूद कर,
खुश होता है गा-गाकर।
जोश से यह बहता जाए,
सबको ठंडी फुहार दिलाए।

15. प्यारे बादल

काले-सफेद बादल आए,
बूंदों संग नाच दिखाए।
कभी गरजते, कभी बरसते,
कभी सूरज संग लुका-छिपी करते।

धरती प्यासी जब हो जाती,
बादल पानी खूब गिराते।
खेत, बगीचे हरे-भरे हों,
सब खुशियों से भर जाएँ।

16. मेरी प्यारी माँ

माँ की ममता सबसे न्यारी,
प्यार से मीठी बात हमारी।
जब भी कोई दुख आ जाए,
माँ का आँचल शीतल छाए।

माँ की हँसी मेरा गहना,
उसके बिना जीवन है सूना।
सपनों में भी साथ निभाए,
माँ जैसा कोई और न पाए।

17. कछुआ और खरगोश

कछुआ धीमा चलता है,
पर धैर्य से बढ़ता है।
खरगोश भागे तेज-तेज,
पर रुक गया और सो गया।

धीरे-धीरे जीत मिली,
कछुए की मेहनत रंग लाई।
सबक हमें ये सिखा गया,
धैर्य, लगन से ही पथ सजा।

18. मीठे आम

गर्मी आई, आम भी आए,
मीठे-मीठे रस बरसाए।
पीले-पीले, रसीले आम,
सबको आते बहुत ही काम।

जूस बनाओ, अचार बनाओ,
या फिर आम की लस्सी खाओ।
बच्चे-बूढ़े सभी को भाए,
आम फलों का राजा कहलाए।

19. रंग-बिरंगे गुब्बारे

हवा में उड़ते प्यारे-प्यारे,
लाल, नीले, पीले गुब्बारे।
बच्चों की ये जान बने,
खुशियों का सामान बने।

हवा में जाते ऊपर-ऊपर,
मन करता छू लूँ झट-झट।
रंगों से यह सीख हमें दे,
संग मिलकर रहना सिखा दे।

20. सुंदर बगीचा

फूलों से यह महक रहा,
तितली संग सजा रहा।
हरी घास पर ओस गिरी,
खुशबू से मन बहक रहा।

नन्हे-नन्हे पौधे खिले,
कोयल मीठे गीत गाए।
सुख-शांति का प्यारा बाग,
सबके मन को खूब भाए।

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